बॉयोगैस क्या है और इसको कैसे बनाया जाता है?

बॉयोगैस (Bio Gas) :-

‘बायो गैस एक प्राकृतिक गैस है जो भूमि के अन्दर जानवरों एवं वनस्पतिक पदार्थों के क्षय से उत्पन्न होती है।

यह गैस को जानवरों के गोबर के द्वारा बनाई जाती है और गोबर गैस के नाम से जानी जाती है। गांवों में जहां पालतू जानवर रखे जाते हैं वहां यह गैस आसानी से बनाई जा सकती है। भारत में सन 1962 में बायोगैस प्रचलित हुआ।

बायो गैस बनाने की विधि :-

बायो गैस बनाने के उपकरण के निम्न प्रकार के भाग होते हैं – 1. पंकक बनाने का हौज 2. डायजेस्टर 3. गैस होल्डर, जिसमें गैस एकत्र की जाती है। 4.उर्वरक एकत्र करने का गड्ढा। 5. गैस के बाहर निकलने की पाइप लाइन

जानवरों के गोबर में जल मिलाकर इसे एक हौज में अच्छी तरह हिलाकर मिश्रण बनाया जाता है। यह मिश्रण स्लरी ( Slurry ) कहलाता है।

इस स्लरी को डाइजेस्टर टैंक में भेज दिया जाता है। जहां वायु की अनुपस्थिति में यह सड़ने लगती है। यह सड़ने की क्रिया जीवाणुओं द्वारा होती है।

गोबर में उपस्थित कार्बनिक पदार्थ हाइड्रोकार्बन गैसों में बदलने लगता है जो गैस के रूप में गैस होल्डर में एकत्रित होने लगता है। इस गैस में 60-70 प्रतिशत मेथेन पायी जाती है। गैस होल्डर में से पाइप लाइन द्वारा गैस को घरों तक लाया जा सकता है।

गैस उका प्रयोग रोशनी के लिए भी सफलतापूर्वक किया जा सकता है । डायजेस्टर से बची हुई स्लरी को निकास पाइप द्वारा उर्रक एकत्र करने के गड्ढे में एकत्र करके उर्वरक के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।

कार्य :-

गोवर व जल को 1:1 या 1:1.25 के अनुपात में मिश्रित करके हौज में भली भांति हिलाया जाता है। यह कार्य मजदूर द्वारा पावों से रोदकर भी किया जा सकता है। मिश्रण जिसे हम पंकक ( slurry ) कहते हैं।

तारों की जाली से छानकर पाइप द्वारा डाइजेस्टर टैंक में भेजा जाता है जिससे कंकड़, पत्थर आदि छनकर मिश्रण टैंक में ही रह जाए।

डायजेस्टर में पंकक भरने के पश्चात् पाइप के मुंह पर लकड़ी का गुटका लगाकर इसे बंद कर दिया जाता है। डायजेस्टर के दो बराबर भाग करती एक विभाजक दीवार होती है।

पंकक इसके दोनों ओर बरावर भरी जानी चाहिए। अत : पंकक भरने के लिए कुछ समय के लिए निकास द्वार के पाइप का प्रयोग भी किया जा सकता है।

डायजेस्टर में वायु प्रवाहित नहीं होती और एक विशेष प्रकार के जीवाणु (बैक्टीरिया) पंकक में पनपने लगते हैं इन जीवाणुओं द्वारा पंकक का सड़ना 10-20 दिनों में पूरा हो जाता है और गैस होल्डर में गैस भरने लगती है।

गैस होल्डर कास्ट आयरन का एक ड्रम होता है जो कि उल्टी दिशा में एचेन व घिरनी द्वारा लटकता है। बॉयो गैस भरने पर यह ऊपर उठ जाता है‌। गैस को वाल्व द्वारा पाइप से बाहर निकाला जाता है। यह पाइप गैस को घरों की रसोई तघक पहुंचाता है।

जब गैस एकत्र होना बंद हो जाए तो डालटकतायजेस्टर में बची हुई पंकक को पाइप द्वारा एकत्र कर लेते हैं। यह खेतों के लिए बहुत अच्छा उर्वरक है।

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