सूचना प्रणाली :-
जब आप एक माइक्रोकम्प्यूटर के बारे में सोचते हैं, आप शायद केवल एक उपकरण पर ही विचार करते हैं। अर्थात् आप मॉनीटर या की – बोर्ड के बारे में ही सोचते हैं। लेकिन इसमें और भी बहुत कुछ होता है। माइक्रोकम्प्यूटर को सूचना प्रणाली के एक अंग के रूप में देखना चाहिए।
सूचना प्रणाली के पांच भाग हैं :- लोग, प्रक्रियाएं, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और आंकड़े।
(i) लोग –
सूचना प्रणाली के पांच अंगों में से इस अंग को नजरअंदाज करना आसान है, लेकिन सारे माइक्रोकम्प्यूटर वास्तव में इन से ही जुड़े हैं, क्योंकि ये आप जैसे लोगों और यूजर्स की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं।
(ii) प्रक्रियाएं –
जिन नियमों या निर्देशों का पालन करके लोग सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर एवं आंकड़ों का उपयोग करते हैं , उन्हें प्रक्रियाएं कहते हैं।
ये प्रक्रियाएं कम्प्यूटर विशेषज्ञों के द्वारा मैन्युअल रूप में तैयार की गई हैं। सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर बनाने वाले इन मैन्युअल को अपने उत्पाद के साथ देते हैं। ये मैन्युअल छपे हुए या इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में होते हैं।
(iii) सॉफ्टवेयर –
यह एक प्रोग्राम है, जो कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए क्रमानुसार निर्देश देता रहता है। प्रोग्राम या अनेक प्रोग्राम्स का दूसरा नाम सॉफ्टवेयर है।
सॉफ्टवेयर का उद्देश्य आंकड़ों को सूचना में बदलना है। उदाहरण के लिए – एक पेरोल प्रोग्राम कम्प्यूटर को निर्देश देगा कि एक सप्ताह में आपने जितने घण्टे कार्य किए उसे आपकी वेतन – दर से वेतन तय करें।
(iv) हार्डवेयर –
सूचना तैयार करने के लिए आंकड़ों को प्रोसेस करने वाले अंग हार्डवेयर कहलाते हैं। इसके अंतर्गत की – बोर्ड, माउस, मॉनीटर, सिस्टम यूनिट और अन्य उपकरण आते हैं। हार्डवेयर सॉफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित होता है।
(v) आंकड़े –
अनप्रोसेस्ड तथ्य, जैसे- टैक्स्ट, संख्याएं, चित्र और आवाज को आंकड़े कहते हैं। प्रोसेस्ड आंकड़े सूचना प्रदान करते हैं।
पहले के उदाहरण से- आंकड़े (कार्य किए गए घंटों की संख्या और वेतन – दर) को प्रोसेस करके सूचना ( साप्ताहिक वेतन ) प्राप्त की जाती है।
आज लगभग सभी कम्प्यूटर सूचना प्रणाली के एक अतिरिक्त अंग भी बन गए हैं। कनेक्टिविटी नामक इस अंग की मदद से विभिन्न कम्प्यूटर आपस में जुड़कर सूचना का आदान – प्रदान करते हैं।
इंटरनेट कनेक्शन के साथ – साथ यह कनेक्शन टेलीफोन, केबल या वायु के माध्यम से होता है। कनेक्टिविटी की मदद से यूजर्स अपनी सूचना प्रणाली की क्षमता एवं उपयोगिता का अत्यधिक विस्तार कर सकते हैं।
बड़े कम्प्यूटर सिस्टमों के लिए विशेषज्ञ प्रक्रियाएं तैयार करते हैं, सॉफ्टवेयर विकसित करते हैं और आंकड़े एकत्र करते हैं।
लेकिन माइक्रोकम्प्यूटर सिस्टम में इन कार्यों को यूज़र्स ही करते हैं। कुशल यूजर बनने के लिए आपको सूचना प्रौद्योगिकी के मूल तत्वों के साथ – साथ सॉफ्टवेयरों, हार्डवेयर तथा आंकड़ों को समझना आवश्यक हैं।
आंकड़े –
किसी वस्तु, व्यक्ति व स्थान से सम्बन्धित कच्चे तथ्यों को डाटा या आंकड़े कहते हैं। जैसे किसी व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि, जाति, वर्ग इत्यादि उस व्यक्ति से सम्बन्धित डाटा कहलाएगा।
किसी वस्तु का रंग, आकार, आकृति, मूल्य इत्यादि जैसा पहले समझाया गया है, प्रोसेस्ड डाटा सूचना में बदल जाते है। इनका संग्रह फाइल में कर लेने पर आंकड़ों का उपयोग सिस्टम यूनिट में इनपुट के रूप में किया जा सकता है।
फाइल आमतौर पर चार प्रकार की होती हैं –
(1) डाक्यूमेंट फाइल वर्ड प्रोसेसर में तैयार होती है, जिसमें मेमो, टर्म पेपर और लैटर आदि सुरक्षित रहते हैं।
(2) वर्कशीट फाइल इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट में तैयार होती है, जिसमें बजट और बिक्री आदि का अनुमान लगाते हैं।
(3) डाटाबेस फाइल डाटाबेस मैनेजमेंट प्रोग्राम में तैयार होती है, जिसमें सुसंरचना और सुसंगठन वाले डाटा होते हैं।
जैसे- कर्मचारी डाटाबेस फाइल में सभी मजदूरों के नाम, सामाजिक सुरक्षा संख्या और उससे संबंधित सूचनाएं होती हैं।
(4) प्रेजेंटेशन फाइल को प्रेजेंटेशन ग्राफिक प्रोग्राम द्वारा तैयार करते हैं, जिसमें प्रेजेंटेशन की सामग्री सुरक्षित रहती है।
जैसे- किसी फाइल में ऑडियन्स हैन्डआउट्स, स्पीकर नोट और इलेक्ट्रॉनिक स्लाइड हो सकते हैं।
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